कोरोना संकट के बीच चारधाम यात्रा को लेकर भी संशय के बादल मंडरा रहे हैं। मंदिरों के कपाट तो मुहूर्त के अनुसार तय तिथियों पर खोल दिए जाएंगे, लेकिन भगवान के दर्शनों के लिए भक्त कब उनके धाम पर पहुंचेंगे, अभी तस्वीर पूरी तरह से साफ नहीं है।
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज का कहना है कि केंद्र और राज्य सरकार के सामने कोरोना महामारी से निपटने की चुनौती है। चारधाम यात्रा में यात्रियों के बारे में निर्णय केंद्र सरकार के निर्देशों के तहत लिया जाएगा। पूरे प्रदेश में 14 अप्रैल तक लॉकडाउन है।
राज्य व जिलों की सीमाएं सील हैं। यात्रा कारोबार से जुड़े लोगों की निगाहें सरकार पर लगी हैं, लेकिन राज्य में कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे को देखते हुए सीमाएं यात्रियों के लिए खोलने पर अभी संदेह है।
मंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस से बचाव के लिए केंद्र और राज्य सरकार सामाजिक दूरी को रामबाण मान रही है। ऐसे में यात्रियों के लिए सीमाएं खोले जाने से सरकार के लिए सामाजिक दूरी को बनाए रखना आसान नहीं होगा।
उन्होंने बताया कि 26 व 27 अप्रैल को गंगोत्री व यमुनोत्री धाम और 29 व 30 अप्रैल को केदारनाथ और बदरीनाथ धाम के कपाट खुलेंगे। देश दुनिया में इस चारधाम यात्रा का अपना महत्व है।